Top Guidelines Of sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
[These are preliminary stotras that must be recited before looking through of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it informed that if this kunjika stotram is recited then there isn't a have to recite all of these.]
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
గమనిక: శరన్నవరాత్రుల సందర్భంగా "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి"
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके more info कुश के आसन पर बैठें.
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ